ज़िंदगी का सफर - 💞हमसफ़र के साथ💞 "भाग 27"
किआरा इवान से नाराज होकर नीचे चली जाती है तो इवान भी किआरा को मनाने के आइडिया सोचने लगता है, वन्या इर उत्कर्ष जो वही बेड पर बैठे थे और इवान और किआरा की नोक झोक बिल्कुल अच्छे बच्चों की तरह बिना कोई शोर किये सुन रहे थे वो दोनो कुछ समझते तो नहीं लेकिन बाद मे खिल खिलाकर हसने लगते है ।
इवान उन दोनो को हस्ते देख मुह बना लेता है और फिर उनके पास आकर बोलता है
इवान :- यहां पापा परेशान है और तुम दोनो को बड़ी हसी आ रही है, लगता है तुम दोनो अपनी मम्मा से ही ज्यादा प्यार करते है मुझे नहीं जाओ मै तुमसे बात नहीं करता, कट्टी
इवान रूठकर मुह बनाते हुए दूसरी साइड चेहरा करके बैठ जाता है तो वन्या और उत्कर्ष एक दूसरे को देखते है फिर इवान को देखते है, उन्हे कुछ समझ तो नहीं आता पर इवान का दूसरी साइड मुह करके बैठना उन्हे अच्छा नहीं लगता इसलिए वन्या अपने हाथ में पकड़ा खिलौना इवान की तरफ फेकती है तो इवान उसके पास आता है और बोलता है
इवान :- क्या हुआ वन्या मुझे क्यू बुलाया, नहीं हु नाराज बच्चा मै, मैं तो बस सोच रहा हु की तुम्हारी मम्मा को कैसे मनाऊ, तुम्ही कुछ हेल्प करो ना बच्चा
उत्कर्ष अपना खिलौना एक जगह फेकता है, इवान उसका खिलौना उठाने जाता है तो उसकी नजर पेपर में छपी एक फोटो पर पड़ती है, इवान उसे देख खुश हो जाता है और वन्या और उत्कर्ष के पास जाकर दोनो के माथे पर किस करके उन्हे गले लगा लेता है और बोलता है
इवान :- थैंक्यू थैंक्यू थैंक्यू बच्चा तुम दोनो ने तो पापा की सारी मुश्किल हल करदी, आय लव यू बच्चा😘
वन्या और उत्कर्ष दोनो हसने लगते है ।
________***________
इधर आध्या दर्श को फोन करती है लेकिन दर्श एक बार भी नहीं उठाता, दर्श अपनी फॅमिली के साथ इवान से मिलने भी आता है लेकिन एक बार भी दर्श ने आध्या की तरफ नहीं देखता, आध्या से उसकी ये बेरुखी बर्दास्त नहीं हो रही थी, वो अपने मन मै बोलती है
आध्या :- दर्श प्लीज मुझसे एक बार तो बात करो ना उस दिन तुमने जो देखा वो पुरा सच नहीं है, प्लीज एक बार तो मेरी बात सुन लो, मेरी ही गलती है जो मैने तुम्हे सच नहीं बताया की मै तुमसे प्यार करती हु, अगर बता देती तो आज हमारे बीच ये गलतफहमियाँ ना होती😢
आध्या याद करने लगती है जब इवान का डिस्चार्ज होने वाला था
__________FLASHBACK__________
उस दिन उसे कॉलेज में कुछ अर्जेंट काम था तो वो कॉलेज गई थी तब जब वो वापस घर आ रही थी तो उसे उसके एक फ्रेंड ने रोक लिया था और एक खाली क्लास रूम में जाकर उसे प्रोपोज़ किया था, उस टाइम दर्श को तन्वी को भी कॉलेज में काम था तो वो उसे लेकर आया था, जब वो तन्वी को ढूंढ रहा था तब उसने उस लड़के को आध्या को प्रोपोज़ करते देख लिया था, उसे लगा आध्या उसका प्यार इसलिए एक्सेप्ट नहीं करती, शायद वो भी उस लड़के से प्यार करती है, उसकी आँखे नम हो गई और वो वापस जाने लगा, जाते बक्त उसका हाथ वही पास लगे बोर्ड से लगा तो उस आवाज कुछ सुनकर आध्या और उस लड़के ने उस तरफ देखा, आध्या उसे वहां देख हैरान हो गई वो कुछ बोलती उससे पहले ही दर्श " सॉरी मैने आपको डिस्टर्ब कर दिया आप कंटिन्यू कीजिये " इतना बोलकर वापस चला जाता है, आध्या उसे रोकने की बहुत कोशिश करती है पर वो नहीं रुकता और तन्वी के साथ वापस चला जाता है, आध्या उस लड़के से मना कर देती है और वापस घर आ जाती है, उसके बाद से आध्या उसे बहुत कॉल करती है पर वो एक बार भी नहीं उठता ।
__________FLASHBACK END__________
आध्या कुछ डिसाइड करती है और तैयार होकर बाहर जाने लगती है की उसे सुमित्रा जी रोक लेती है और अपने पास बुलाकर पूछती है
सुमित्रा जी :- कहा जा रही हो आध्या
आध्या :- माँ मुझे थोड़ा काम था मार्केट में इसलिए जा रही थी आपको कुछ चाहिए हो तो बता दीजिये मैं ले आउंगी
पायल जी ( आध्या के पास आकर ) :- बेटा हमे तो कुछ नहीं चाहिए पर तुम अपने लिए जरूर अच्छी सी ड्रेस ले आना
आध्या ( असमझ सी ) :- अच्छी सी ड्रेस, वो क्यू चाची
पायल जी :- वो इसलिए बेटा की परसो तुम्हे लड़के वाले देखने आ रहे है, तो तुम्हे उस दिन अच्छा तो दिखना होगा ना
आध्या पायल जी की बात सुनकर हैरान हो जाती है और सुमित्रा जी की तरफ देखती है तो सुमित्रा जी उसके सिर पर हाथ फेरकर बोलती है
सुमित्रा जी :- हाँ बेटा परसो तुम्हे देखने लड़के वाले आ रहे है, ये सब इतनी जल्दी हुआ की हमे तुम्हे बताने का मौका ही नहीं मिला, पर बेटा तुम चिंता मत करो भले ही हमने तुम्हे बताया ना हो की हमने तुम्हारे लिए रिश्ता ढूढा है, लेकिन हम रिश्ता तभी पक्का करेंगे जब तुम्हारी तरफ से हाँ होगी, परसो तुम एक बार उस लड़के से मिल लेना फिर तुम्हे ही तय करना है ओके, अभी तुम मार्केट जा रही हो तो अपने लिए कुछ ले आना ओके
आध्या को कुछ समझ नहीं आ रहा था की वो कैसे रियेक्ट करे अपनी माँ की बात सुनकर, वो अपना सिर हाँ में हिला देती है टैक्सी लेकर बाहर निकल जाती है, उसे समझ नहीं आता की क्या करे, कहा वो अभी दर्श से अपने दिल की बात बताने जा रही थी और अब.......
आध्या टैक्सी एक जगह रुकवाती है और उतरकर वही थोड़ी दूर पैदल चलकर एक नदी किनारे लगी बेंच पर बैठ जाती है, उसे समझ नहीं आता की एक पल में क्या हो गया वो अपनी फैमिली की बात को इंकार भी नहीं कर सकती थी, कुछ देर खामोश बैठने के बाद वो अपना चेहरा हथेली में छिपा कर रोने लगती है, वही थोड़ी दूरी पर रखी दूसरी बेंच पर दर्श बैठा था, वो आध्या को यु रोते देखता है तो उसके पास आकर उसकी साइड में बैठता है और उसके सर पर हाथ फेरता है तो आध्या अपना सिर उठा कर उसे देखती है, अपने सामने दर्श को देख कर वो उसके गले लगकर रोने लगती है, दर्श बस खामोशी से उसके सर पर हाथ फेरता रहता है वो कुछ नहीं बोलता, लेकिन आध्या को रोते देख उसकी भी आँखे नम हो जाती है ।
To be continued..........................
Khushbu
13-Nov-2022 05:54 PM
Nice 👍🏼
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Miss Chouhan
11-Nov-2022 11:29 AM
Nice story😊😊😊
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Gunjan Kamal
09-Nov-2022 01:42 PM
बेहतरीन
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